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ये कैसी धर्मनिरपेक्षता है ?

निर्भीक वाणी
निर्भीक वाणी
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धर्मनिरपेक्षता एक ऐसी बीमारी है जो इस देश को नष्ट करके ही छोड़ेगी.इस बीमारी की सबसे खास विशेषता यह है कि जो इससे ग्रस्त होता है उसे यह लगता है कि वह स्वस्थ है और बाकी के लोग ही बीमार हैं .हमारे देश में धर्मनिरपेक्षता का एक मात्र अर्थ है हिन्दू विरोध और अल्पसंख्यक तुष्टिकरण.धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दुओं की अवहेलना ही होती रही है .
इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद और इसाई धर्म के प्रवर्तक जीसस के जन्मदिनों पर केंद्र सरकार की छुट्टियाँ हैं लेकिन हिन्दुओं के आराध्य भगवान राम और भगवान कृष्ण के जन्म दिनों की छुट्टियाँ नहीं हैं.हज यात्रियों को हज यात्रा के लिए अनुदान दिया जाता रहा है ,जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने बंद करने का आदेश दिया है .सरकारी खर्चे से हज हाउस बनाए जाते हैं और ये सब धर्मनिरपेक्षता के नाम पर किये जाते हैं.हिन्दुओं को किसी तीर्थयात्रा के लिए न तो अनुदान दिया जाता है और न ही हिन्दू तीर्थयात्रियों के लिए सरकारी खर्चे से भवन बनाये जाते हैं क्योंकि ऐसा करना धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध है.जबकि सरकार को हिन्दू तीर्थयात्रियों से ही राजस्व प्राप्त होता है .देश के प्रमुख मंदिरों का नियंत्रण ट्रस्टों के माध्यम से सरकार के हाथों में है.मंदिरों के चढ़ावे का बड़ा हिस्सा राज्य सरकारों के पास चला जाता है और सरकार उन पैसों का विनियोग अन्य धर्मियों के धर्मस्थलों के विकास एवं रख रखाव पर खर्च किये जाते हैं .और तो और इन धर्मों का रवैया हिन्दू विरोधी रहता है ,ये हिन्दू धर्म को नष्ट करने पर लगे रहते हैं.ये कैसी धर्मनिरपेक्षता है जिसमें हिन्दूओं के पैसे हिन्दू धर्म को नष्ट करने के काम में लगाया जाता है?
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार मस्जिदों के इमामों और मुअज्जिनों को सरकार की ओर से वेतन दे रही हैं.मुस्लिम छात्राओं को विशेष सुविधाएं दे रही हैं.उत्तरप्रदेश की सरकार ने मदरसों का सरकारीकरण किया हुआ है .मदरसों के मौलानाओं को सरकार की ओर से वेतन दिया जाता है .अब सब जानते हैं कि मस्जिद और मदरसे जिहाद के केंद्र हैं.और सरकार चलानेवाले इमामों,मुअज्जिनों और मौलानाओं को अपनी जेब से वेतन नहीं देते हैं ,उनको वेतन दिया जाता है हिन्दुओं से प्राप्त होनेवाले राजस्व से.हिन्दुओं से प्राप्त हुए राजस्व के पैसे का उपयोग जिहादी गतिविधियों में हो रहा है ! हद है धर्मनिरपेक्षता की !! फिर भी धर्मनिरपेक्षता की जय !!!

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